प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज जिले में धूमनगंज थाने से महज 300 मीटर दूर दिनदहाड़े बीच सड़क पर उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। वहीं घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। जो पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवालिया निशान लगा रहा है। बसपा के विधायक रहे राजू पाल के मुख्य गवाह उमेश पाल के साथ पुलिस विभाग के एक सिपाही की भी इस दौरान हत्या कर दी गई। जिसके बाद से लोगों में दहशत बनी हुई है। वहीं सोमवार को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के सरेंडर करने की चर्चा जोरों पर रही। जिसके चलते पूरी कचहरी को पुलिस छावनी में बदल दिया गया।
कचहरी में एकत्र हुए लोग
हालांकि सोमवार दोपहर तक अतीक के बेटे का कहीं कुछ पता नहीं चला। बता दें कि सोमवार को कचहरी खुलने के बाद अचानक से अफवाह उड़ी के अतीक के बेटे ने सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद कचहरी में भारी भीड़ एकत्र हो गई। वहीं इस अफवाह के काफी देर बाद सामने आया कि अभी तक उसने आत्मसमर्पण नहीं किया है। वहीं इस चर्चा के बाद अतीक के घर के अलावा पूरे मोहल्ले और रास्ते में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इस सनसनीखेज हत्याकांड में अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
बेखौफ नजर आए हमलावर
शूटकांड के दौरान अपराधी इतने बेखौफ नजर आए कि किसी ने भी अपना चेहरा नहीं ढका था। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपराधी बड़े आराम से घटनास्थल से फरार भी हो गए। लेकिन इस बीच न तो पुलिस मौके पर पहुंची और न किसी अपराधी को रास्ते में पुलिस मिली। इस दौरान हमलावर करीब 1 मिनट तक जीटी रोड पर खुलेआम गोलीबारी और बमबारी करते रहे। इसमें उमेश पाल और एक सिपाही संदीप की मौत हो गई। जबकि अन्य सिपाही का अस्पताल में इलाज चल रहा है।