कानपुर: शनिवार की रात को करीब 30 महीने बाद खुशी दुबे अपने घर पहुंच गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिकरू कांड की आरोपी खुशी को 4 जनवरी को जमानत दी। इसके 15 दिन बाद वह कानपुर के माती जेल से बाहर आ गई। जेल से रिहा होने के बाद खुशी पनकी स्थित अपने घर पहुंची। यहां पर देहरी के पैर छूकर खुशी ने अपने मायके में प्रवेश किया। इसके बाद खुशी की मां गायत्री ने बेटी को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा कराया। इस दौरान खुशी ने बताया कि उसके 2 जुलाई की रात को सिर्फ गोलियों की आवाज सुनी थी। साथ ही कुछ लोगों के बोलने की भी आवाजें सुनाई दे रही थीं।
बाहर आने पर मिला सुकून
खुशी ने बताया कि इसके अलावा और उसे कुछ भी नहीं पता था कि उस रात क्या हो रहा है। खुशी ने कहा वह तो ठीक तरीके से परिवार को भी नहीं समझ पाई थी। ऐसे में पुलिस ने उसे गंभीर आरोपों में जेल भेज दिया। उसने बताया कि शादी के दिन पहली और आखिरी बार विकास दुबे को देखा था। साथ ही घटना की रात अमर दुबे उसके साथ थे। हालांकि खुशी ने अमर और विकास के संबंध के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया। खुशी ने बताया कि जेल के अंदर 30 महीने मेरी जिंदगी के सबसे कठिन दिन थे। बाहर आने पर काफी सुकून मिल रहा है।
शादी के 8 दिन बाद हुआ बिकरू कांड
आगे के बारे में बात करते हुए खुशी ने बताया कि वह पढ़ाई कर सफल अधिवक्ता बनना चाहती हैं। वहीं खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने कहा कि पुलिस के पास खुशी दुबे के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं थे। इसके बाद भी पुलिस ने 17 गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। वकील ने कहा कि पुलिस ने खुशी के खिलाफ सबूत जुटाए नहीं बल्कि गढ़े थे। लेकिन उन्हें यकीन था कि न्याय जरूर मिलेगा। बता दें कि अमर दुबे से शादी के ठीक 8 दिन बाद बिकरू कांड हुआ था। इसके बाद अमर दुबे एनकाउंटर में मारा गया और खुशी जेल गई। इस पूरे बिकरू कांड में खुशी अकेली महिला थी जो जेल गई है।
गैंगस्टर के घर शादी करने की मिली सजा
बता दें कि जेल भेजने से पहले 4 दिन तक खुशी को थाने में रखा गया था। खुशी ने बताया कि थाने में वह 4 दिन कैसे कटे हैं, केवल वही जानती है। खुशी ने कहा कि ढाईं साल की जेल पर थाने के वो 4 दिन भारी हैं। अभी जेल से छूटने के बाद कुछ कहने की क्षमता नहीं है। लेकिन समय आने पर सच सामने रखुंगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि खुशी दुबे को भी बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे के बराबर ही दोषी बनाया गया है। पुलिस ने खुशी को भी गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग की तरह 17 धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। खुशी की मां गायत्री ने कहा कि गैंगस्टर के घर बेटी की शादी करने की उन्हें सजा मिली है।