आगरा: यूपी के आगरा जिले में टीला माईथान में बेसमेंट खुदाई के कारण क्षतिग्रस्त मकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। बता दें कि मकानों को तोड़ने के लिए पहले मजदूरों की मदद ली। लेकिन रात में जेसीबी की मदद से घरों को जमींदोज कर दिया। वहीं रात के अंधेरे में घर तोड़ने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले प्रशासन ने लोगों की मौजूदगी और दिन में मकान तोड़ने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद भी जेसीबी द्वारा रात में घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। बता दें कि सिटी स्टेशन रोड पर राय विशंभर दयाल धर्मशाला में बेसमेंट खुदाई के दौरान 26 जनवरी को 6 मकान ढह गए थे। इस हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई थी।
10 जर्जर मकानों को ध्वस्त कर रहा नगर-निगम
जिसके बाद नगर निगम ने 10 जर्जर मकानों को ध्वस्त करने का फैसला लिया था। बता दें कि बेसमेंट में मिट्टी डालकर रैंप बनाने का काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर को मजदूरों की मदद से मकान तुड़वाए जा रहे थे। वहीं शाम होने तक धीरे-धीरे मजदूर ही मकान तोड़ रहे थे। वहीं रात में जेसीबी ने धर्मशाला की ओर से मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। जिस पर लोगों ने आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि उनके घरों में काफी सामान रखा हुआ था। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें सामान निकालने की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन भी दिया था। वहीं मलबे में भी कुछ सामान था। जोकि मलबा नहीं हटाए जाने और उसके ऊपर मिट्टी डालने से वह सामान नीचे दफन हो गया।
पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा डूडा के मकान
पीड़ितों ने बताया कि एक झटके में मकान तोड़े जाने पर थोड़ा-बहोत बचा हुआ सामान भी मलबे में दब गया। लोगों का कहना है कि जिंदगी भर की कमाई मिट्टी में मिल गई। एक-एक पाई जोड़ कर लोगों ने अपना आशियाना बनाया था। लेकिन अब उनके पास कुछ नहीं बचा। बर्तन, पैसा और जेवरात सब मिट्टी में दब गया। बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा डूडा के मकान दिए जाने की बात कही जा रही है। इस पर पीड़ित परिवारों का कहना है कि मकान मिल जाएगा। लेकिन उसे घर कैसे बनाएंगे। क्योंकि सारा सामान तो मलबे में दब गया है।