बरेली: उत्तर प्रदेश में बीते बुधवार से शनिवार तक चले आयकर विभाग के छापेमारी में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी सामने आई है। प्रदेश में मीट कारोबारियों के यहां छापेमारी की नींव तो पहले से ही तैयार थी। आयकर विभाग के कुछ अधिकारी इस बारे में पहले से ही संकेत दे रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इंटलीजेंस से वित्तीय लेनदेन की संदिग्ध शिकायतें मिली थी। जिसके बाद चार कंपनियों की निगरानी की जा रही थी। वहीं इंटलीजेंस पुख्ता जानकारी मिलने के बाद बीते बुधवार की सुबह छापेमारी की कार्रवाई की गई। बता दें कि बीते शनिवार को लखनऊ, बरेली, उन्नाव, संभल और बाराबंकी जांच करने के बाद टीम वापस लौट गई। लखनऊ पहुंची आयकर विभाग की टीम के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई में एक हजार करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई है।
नहीं की गई आधिकारिक घोषणा
बता दें कि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। आधिकारिक घोषणा के बाद ही सामने आएगा कि कितने की टैक्स चोरी की गई है। बुधवार से शनिवार तक चली कार्रवाई में स्थानीय अधिकारी सीधे तौर पर शामिल नहीं हुए। स्थानीय अधिकारियों की टीम संसाधन जुटाती रही। वहीं लखनऊ से आए अधिकारियों ने ही प्रपत्रों की जांच की। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस तरह की कार्रवाई करने से पहले इंटलीजेंस विंग द्वारा काफी समय पहले से रेकी करती है। इस दौरान जिले की मीट फैक्ट्रियों में पशु कटान की क्षमता, पशु काटे जाने की संख्या आदि की निगरानी की जाती है। यदि फैक्ट्रियों क्षमता से अधिक कटान होता है तो इसका मतलब है कि चोरी-छिपे अघोषित आय बढ़ाई जा रही है।
मीट कारोबारियों ने बंद किए फोन
स्थानीय फैक्ट्रियों मे पशु कटान की क्षमता 300 होने पर रोजाना 800 से अधिक पशु काटे जा रहे थे। टैक्स चोरी होने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद बुधवार को आयकर उप निदेशक के नेतृत्व में टीमों ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान रहबर फूड इंडस्ट्रीज, अल सुमामा एग्रो फूड्स, मारिया फ्रोजन एग्रो फूड इंडस्ट्रीज और उन्नाव की रुस्तम फूड प्राइवेट लिमिटेड पर कार्रवाई की गई। शहर में 11 टीमों में 105 अधिकारी थे। इन अधिकारियों ने मारिया फ्रोजन के मालिक शकील कुरैशी के निवास स्थान, स्लाटर हाउस और कार्यालय से प्रपत्र एकत्र किए थे। वहीं रहबर फूड इंडस्ट्रीज के एमडी फिरोज अहमद शेख के निवास, लास्टर हाउस में जांच की। इस दौरान मीट कारोबारियों के फोन बंद रहे।