कानपुर में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम के सामने जिंदा जलीं मां-बेटी, DM ने सफाई में बोली बड़ी बात

कानपुर: यूपी के कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में अतिक्रमण हटाने गए अफसरों के सामने मां-बेटी की जिंदा जल कर मौत हो गई। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम ग्राम समाज की जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। वहीं मां-बेटी को बचाने की कोशिश में मकान मालिक और रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। जिसके बाद नाराज स्थानीय लोगों ने मौके पर हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। लोगों की नाराजगी देख अन्य अफसर-अधिकारी भी मौके से भाग खड़े हुए।

नाराज लोगों ने की कार्रवाई की मांग
बता दें कि स्थानीय लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। वहीं देर रात तक आईजी, डीएम और मंडलायुक्त लोगों को समझाते रहे। डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने सोमवार को जनसुवाई में ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत की थी। वहीं मामले पर कार्रवाई के आदेश मिलने के बाद एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे।

अंतिम संस्कार करने से किया इंकार
राजस्व विभाग की टीम द्वारा बुलडोजर से कब्जा हटाने के दौरान वहां पर बनी झोपड़ी में आग लग गई। आग लगने के कारण कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और 22 वर्षीय बेटी शिवा घर में फंस गई। वहीं उनको बचाने गए कृष्ण गोपाल और रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम भी झुलस गए। कृष्ण गोपाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांव के कुछ लोगों ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी थी। जिसके चलते उनकी पत्नी और बेटी जिंदा जल गए। पीड़ित ने आरोपित लोगों के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज करने, बेटों के लिए सरकारी नौकरी, आवास और आर्थिक मदद के लिए 5 करोड़ रुपए की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *