सूर्य के उत्तरायण होते ही काशी के पूर्वी तट (गंगा पार) की रेत पर तंबुओं का शहर बसेगा। जहां धर्म, संस्कृति, अध्यात्म और कला की गंगा एक साथ बहेगी। 30 हेक्टेयर में बसने वाले टेंट सिटी में गंगा और घाटों को निहारने के लिए 32 फीट ऊंचा गंगा टावर लगेगा जहां से देसी विदेशी पर्यटक घाटों की अद्भुत छटा देख सकेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्वांचल में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काशी में पर्यटन की समग्र संभावना के विकास में तेजी से जुटी है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार काशी में गंगा के उस पार तम्बुओं का शहर बसा रही है, जिससे काशी और आसपास के पर्यटन को बढ़ावा मिले। लगभग 30 हेक्टेयर में टेंट सिटी आकार ले रहा है। अर्धचंद्राकार 84 घाटों का नज़ारा दिन के साथ ही रात में लाइटिंग के साथ अद्भुत लगता है। घाटों की गंगा आरती और गंगा में पड़ने वाली दीपों की रोशनी का प्रतिबिंब टिमटमाते तारों के सामान लगता है। ऐसे में कल-कल बहती गंगा के किनारे तम्बुओं के घर और टेंट सिटी की थीमेटिक सजावट भी की जा रही है।
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि 10 हेक्टेयर प्रति क्लस्टर स्थापित किए जाने वाले टेंट की संख्या 200 है। टेंट के 3 क्लस्टर स्थापित किए जाने हैं। इनमें 10 फीसदी विला (900 वर्गफीट), 50 फीसदी सुपर डीलक्स (480-580 वर्गफीट) और 50 प्रतिशन डीलक्स (250-400 वर्गफीट) शामिल हैं। टेंट सिटी के 1 क्लस्टर में 200 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा के लिए स्विस कॉटेज, रिसेप्शन एरिया, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट, डायनिंग एरिया, कॉन्फ्रेंस स्थल, स्पॉ एवं योगा केन्द्र, लाइब्रेरी एवं आर्ट गैलरी के अतिरिक्त वॉटर स्पोर्टस, कैमल, हार्स राइडिंग आदि तथा अन्य सांस्कृतिक एवं स्पोर्ट्स गतिविधियां होंगी।
मेसर्स प्रावेग कम्युनिकेशंस (इंडिया) लिमिटेड की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर प्रोलिना बराड़ा ने बताया की टेंट सिटी में लगभग वे सभी सुविधाएं मिलेंगी, जो एक अच्छे लग्जीरियस होटल में मिलती हैं। यहां लग्जरी और सामान्य टेंट कॉटेज के अलावा ख़ास बनारसी खान पान भी होगा। इसके अलावा खास थीम पर लाइटिंग और डेकोरेशन होगा। ऐतिहासिक घाटों, गंगा और पूरे टेंट सिटी का नज़ारा देखने के लिए स्टेनलेस स्टील का 32 फीट ऊंचा गंगा वाच टावर बनाया जाएगा। जहां से पर्यटक घाटों और गंगा का एरियल व्यू देख सकेंगे।