मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में माता विंध्यवासिनी के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया है। बता दें कि माता विंध्यवासिनी और विंध्य कॉरिडोर के नाम पर लोगों से ऑनलाइन ठगी की जा रही है। इस मामले को डीएम दिव्या मित्तल ने गंभीरता से लिया है। आस्था और विश्वास के साथ खिलवाड़ करने वालों की पहचान करने के लिए 8 सदस्यीय टीम को गठित किया गया है। साथ ही ऐसी 3 वेबसाइट को ब्लॉक कर उससे हुए लेनदेन की जांच-पड़ताल की जा रही है। सीओ सिटी परमानंद कुशवाहा को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
दोषियों के खिलाफ की जाएगी आपराधिक कार्रवाई
वहीं संयोजक का दायित्व तहसीलदार सदर एवं विंध्य विकास परिषद के सदस्य अरुण गिरी को सौंपा गया है। विंध्याचल देवी के नाम पर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर ऑनलाइन रकम लेने वाले तीन वेबसाइट की पहचान कर ब्लॉक कर दिया गया है। साथ ही इस जांच में पुलिस, राजस्व विभाग और पुलिस की क्राइम ब्रांच को भी शामिल किया गया है। बताया गया है कि मामले की जांच के बाद गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। वेबसाइट के संचालन से जुड़े लोग खाते में किए गए लेन-देन की टीम जांच कर रही है।
आस्था के साथ किया जा रहा खिलवाड़
बता दें कि माता विंध्यवासिनी के धाम में आस्था रखने वालों से फर्जी वेबसाइट और फेसबुक पेज बनाकर भक्तों से चंदा मांगा जा रहा है। पूजा-पाठ के लिए फेसबुक पेज बाकायदा शुल्क भी निर्धारित किया गया है। वहीं हैरत वाली बात यह है कि विंध्य कॉरिडोर का निर्माण सरकारी स्तर पर करवाया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी लोगों से निर्माण के नाम पर दान मांगा जा रहा है। नवरात्रि के अलावा भी माता विंध्यवासिनी के धाम में मां का श्रृंगार, अखण्ड दीप जलवाने और दुर्गा सप्तशती पाठ यजमान के द्वारा संकल्प करने पर किया जाता रहा है। फिलहाल निर्माण के नाम पर फर्जी वसूली करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है।