मुरादाबाद: सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से फिर बड़ा झटका लगा है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 साल पुराने छजलैट बवाल में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी मानते हुए दोनों को 2-2 साल की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में समाजवादी पार्टी के दो विधायकों समेत 7 लोगों को बरी कर दिया है। अब्दुल्ला आजम को 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब उनकी स्वार विधायकी जाने की भी सुगबुगाहट है। बता दें कि अदालत ने आजम खां और अब्दुल्ला की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। वहीं सजा पर अपील दाखिल किए जाने के लिए 1 माह का समय दिया गया है।
साढ़े 3 साल से चल रही थी सुनवाई
बीते सोमवार को बसपा सरकार में दर्ज हुए 15 साल पुराने केस का फैसला हुआ। कोर्ट ने बवाल करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी माना। सुनवाई के दौरान पुलिस समेत 8 लोगों ने मामले पर गवाही दी। वहीं कोर्ट ने इस मामले में अमरोहा विधायक महबूब अली व नगीना से मनोज पारस के अलावा विधायक नईमुल हुसन, हाजी इकराम कुरैशी, डीपी यादव, राजेश यादव और राजकुमार प्रजापति को बरी कर दिया है। बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट में साढ़े 3 साल से मामले की सुनवाई चल रही थी। वहीं अलग-अलग अधिवक्ता सपा नेताओं के बचाव में मामले की पैरवी कर रहे थे।
15 साल पुराना है केस
विशेष लोक अभियोजन मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार को मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी। जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट एसीजेएम-4 स्मिता गोस्वामी ने दोनों को दोषी करार दिया। छजलैट में 2 जनवरी 2008 को बवाल हुआ था। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता आजम खां और अन्य नेता वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। वहीं छजलैट पुलिस ने जब उनके वाहनों की चेकिंग करनी चाही तो सपा नेताओं ने भड़कते हुए बवाल करना शुरू कर दिया। आरोप है कि सपा नेताओं ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हाइवे को जाम कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने आजम समेत 9 सपा नेताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था।