लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट की पांच मंजिला बिल्डिंग गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई। NDRF-SDRF और सेना द्वारा मोर्चा संभाले जाने के बाद करीब 15 घंटे तक रेस्क्यू कर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया। बता दें कि इस हादसे के पीछे LDA की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वर्ष 2010 में मानकों पर खरा न उतरने के कराण इस बिल्डिंग को गिराने का आदेश जारी हुआ था। वहीं इसका नक्शा भी पास नहीं हुआ था। वहीं 12 साल पहले सुनाए गए आदेश का भी पालन नहीं किया गया। जिस कारण खतरों से भरी इस बिल्डिंग में 20 से ज्यादा परिवार रहते थे। बता दें कि बिल्डिंग को गिराए जाने के आदेश के बाद इसमें एक पेंट हाउस भी बनाया गया।
मामले की होगी जांच
इसके बावजूद भी LDA के इंजीनियरों की इस पर नजर नहीं पड़ी। 9 इंच के पिलर पर 5 मंजिला बिल्डिंग खड़ी की गई थी। वहीं पिलर में सरिया-सीमेंट भी अच्छी क्वालिटी के नहीं लगाए थे। हादसे के बाद मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में जिला प्रशासन के लोग, सिविल इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर शामिल हैं। LDA अधिकारियों के अनुसार, जिस समय हादसा हुआ उस दौरान बेसमेंट में कमरा बनवाया जा रहा था। जिसका वीडियो भी अधिकारियों को मिला है। वहीं बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने बताया कि जब भूकंप आया था, तभी बिल्डिंग हिली थी। जिसके 3 घंटे बाद बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर गई। LDA वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि वीडियो की जांच करवाई जाएगी।
बिना नक्शा पास कराए बनाई गई बिल्डिंग
इस दौरान जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। मलबे में फंसी रूहानी जैदी ने बताया कि पिछले 5 दिनों से यहां मरम्मत का काम चल रहा था। उन्होंने बताया कि ड्रिल मशीन से काम कराया जा रहा था। साथ ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों से 20-20 हजार रुपए भी लिए गए थे। ड्रिल मशीन चलाने के दौरान बिल्डिंग में कंपन होता रहता था। रूहानी जैदी ने बताया कि शाम को अचानक हम सब गिरे और खुद को मलबे में दबा पाया। बिना नक्शा पास कराए बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था। आखिर में बिल्डिंग में पेंट हाउस भी बनाया गया था। जिसका नींव पर काफी बुरा असर पड़ा था। बिल्डिंग कमजोर होने के कारण जमीदोंज हो गई। LDA ने नक्शा खारिज कर दिया था।
आसपास की बिल्डिंग कराई जाएंगी खाली
इसके बाद भी 5 मंजिला बिल्डिंग बना दी गई थी। फ्लैट खरीदकर लोगों ने इसमें रहना भी शुरू कर दिया था। इस बिल्डिंग को साल 2010 में गिराने का आदेश दे दिया गया था। जिसके बाद इसे गिराया नहीं गया औऱ कागजी कार्रवाई भी बंद हो गई। बता दें कि अलाया अपार्टमेंट के आस-पास की बिल्डिंग खाली कराई जाएंगी। LDA और नगर निगम संयुक्त इसको लेकर अभियान चलाने जा रहा है। 5 मंजिला बिल्डिंग गिरने के कारण पास के 2 भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में उसको खाली करवाकर जांच कराई जाएगी। भवन के सुरक्षित पाए जाने पर लोगों को इसमें रहने की अनुमति दी जाएगी। LDA VC इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि भविष्य में बड़ा हादसा रोकने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।