जानिए कैसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चंद मिनटों में हुई हिंसा की पूरी घटना

प्रयागराज: जनपद के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए टकराव और आगजनी के बाद आंदोलन को हवा मिल गई है। फीसवृद्धि और छात्रसंघ की बहाली को लेकर यहां लगातार आंदोलन चल रहा था। छात्रों की नाराजगी थी कि उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है और उन पर मुकदमे लादे जा रहे हैं। इस बीच जब छात्रनेता विवेकानंद पाठक का सिर फटा तो इस घटना ने आग में घी का काम कर दिया। इस आंदोलन के पीछे की वजह छात्रसंघ भवन के गेट पर लटका ताला भी माना जा रहा है।

कई मामलों को लेकर जारी था आंदोलन
आपको बता दें कि सोमावर को पथराव और तोड़फोड़ के बाद आगजनी की वजह भी इस गेट को ही माना जा रहा है। छात्रसंघ बहाली और फीसवृद्धि को लेकर छात्र तकरीबन 4 माह से आंदोलन कर रहे हैं। दो बार उनके द्वारा आत्मदाह का प्रयास भी किया जा चुका है। कई बार कुलपति कार्यालय पर भी छात्रों ने उपद्रव किया लेकिन उन्होंने हिंसा का सहारा नहीं लिया। छात्रों का आरोप है कि उन पर आंदोलन को दबाने के दबाव बनाया गया और दर्जनों की संख्या में मुकदमे लादे गए। कुलपति के द्वारा एक बार भी छात्रों से वार्ता नहीं की गई। यह मामला लोकसभा में भी उठा लेकिन उस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया।

विवि प्रशासन के फैसले पर खड़े हो रहे कई सवाल
ज्ञात हो कि छात्रों के द्वारा आमरण अनशन को खत्म कर उसे पूर्णकालिक अनशन में बदल दिया गया था। कई धरना-प्रदर्शनों के बीच विवि में एक जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई। इसी बीच प्रशासन की जरा सी लापरवाही ने कैंपस को हिंसा की चपेट में लाकर रख दिया। शांत बैठे छात्रों को भी अब आंदोलन का नया रास्ता मिल गया है। छात्रों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने उन लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसी के जवाब में उनके द्वारा पत्थरबाजी शुरू की गई। विवि के इस फैसले को लेकर ही अब सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इस बीच उपद्रव के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग भी की। गौरतलब है कि शीतकालीन अवकाश के चलते ज्यादातर छात्र घर चले गए हैं। हालांकि जब बवाल हुआ तो छात्रावासों से छात्रों को बुलाया गया और इसके बाद तमाम छात्र दौड़ पड़ेष। छात्रावासों से निकलकर सड़क पर इकट्ठा छात्रों को पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंदर नहीं दाखिल होने दिया। इस बीच छात्रों को समझाने का प्रयास किया जाता रहा। विवि के गेट पर ताला लगाने के साथ ही तमाम कार्यालयों में तैनात कर्मचारी भी अंदर दुबके नजर आए।

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