कानपुर: कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य मामले में कोर्ट ने बीते सोमवार को सभी दलीलों को दरकिनार करने हुए आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। बता दें कि अब 1 मार्च को मामले की सुनवाई होगी। बिकरू कांड के 3 महीने के अंदर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। वहीं बचाव पक्ष की ओर से कई आरोपियों की तरफ से अलग-अलग पेशी की तारीख पर आरोप मुक्त करने के लिए कोर्ट को प्रार्थना पेश किए गए थे। वहीं इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया था। वहीं बचाव पक्ष ने कई अन्य तथ्यों पर भी प्रार्थना पत्र दिए थे। जिससे आरोपियों पर आरोप तय नहीं हो सके थे।
जिला शासकीय अधिवक्ताओं ने बचाव पक्ष के तर्कों का किया विरोध
बता दें कि एंटी डकैती कोर्ट बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता पवनेश कुमार शुक्ला ने सोमवार को कोर्ट में अभियोजन की तरफ से विचारण पेश करने वाले गवाहों की सूची कोर्ट में पेश करने के संबंध में प्रार्थना पत्र सौंपा था। जिसके बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने के लिए बोला था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल व सहायक शासकीय अधिवक्ता शशि भूषण सिंह चौहान व प्रशांत कुमार मिश्रा ने बचाव पक्ष के सभी तर्कों का विरोध किया।
बचाव पक्ष लंबित कर रहा था मामला
उन्होंने कोर्ट को बताया कि मामले में विचारण को लंबित करने के लिए बचाव पक्ष लगातार कोई न कोई प्रार्थना पत्र देकर आरोप तय नहीं होने दे रहे हैं। वहीं कोर्ट ने अभियोजन की दलीलों पर सहमति जताते हुए बचाव पक्ष की सभी दलीलों को दरकिनार कर दिया। सहायक शासकीय अधिवक्ता शशि भूषण सिंह चौहान ने बताया कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए जाने के बाद 1 मार्च को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की है। बता दें कि गैगस्टर विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे पर इसी कोर्ट में दूसरे की आईडी से लिए गए सिम इस्तेमाल किए जाने का भी मामला चल रहा है।