लखनऊ: यूपी के हाथरस कांड में हिंसा भड़काने और और देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन जेल में सजा काट रहे थे। हालांकि गुरुवार सुबह उनकी जेल से रिहाई हो गई। बता दें कि कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन 27 महीने बाद जेल से छूटा है। वहीं 2 केस में सशर्त जमानत मिलने के 1 महीने से ज्यादा समय बाद कप्पन की रिहाई के आदेश पर लखनऊ की एक विशेष अदालत ने हस्ताक्षर किए हैं। सिद्दीक कप्पन को हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सशर्त जमानत दी थी। जिसके बाद पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने कथित पत्रकार कप्पन को 1-1 लाख की दो जमानतें और इसी राशि का मुचलका दाखिल करने का आदेश देकर जमानत दी थी।
हाथरस कांड में हिंसा फैलाने का था आरोप
कोर्ट में 9 जनवरी को कप्पन की तरफ से जमानतनामे दाखिल किए गए थे। वहीं अदालत ने जमानतदारों की हैसियत का सत्यापन कराए जाने का आदेश दिया था। जिसके बाद बीते बुधवार को जमानतदारों और उनके द्वारा दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन किया गया था। जिस पर अदालत ने आरोपी को रिहा करने का आदेश दे दिया है। बता दें कि कप्पन पर आरोप था कि उसने हवाला से धन प्राप्त कर के देश विरोधी कार्यों में प्रयोग किया है। साथ ही ईडी ने अन्य आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कप्पन पर कार्रवाई की थी। 7 अक्तूबर 2020 को मसूद अहमद सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ यूपी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। जब वह साम्प्रदयिक सौहार्द बिगड़ने, दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे।
27 महीने से लखनऊ जेल में बंद था आरोपी
बताया गया कि आरोपी कप्पन PFI के मुखपत्र तेजस डेली में काम करता था। साल 2015 में आरोपी को दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्त किया गया था। वहीं विवेचना में सामने आया कि एक षड्यंत्र के तहत विदेश से PFI के सदस्य रऊफ व अन्य सदस्यों को 1 करोड़ 38 लाख रुपए दिए गए थे। जिला जेल के जेलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी कप्पन को न्यायालय से मनी लांड्रिंग, पीएमएलए मामले में जमानत मिल गई है। वहीं गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम: यूएपीए और आईटी एक्ट समेत अन्य मामलों में उसे अदालत से पहले ही जमानत मिल चुकी है। बता दें कि आरोपी कप्पन को 21 दिसंबर 2021 में मथुरा जेल से लखनऊ जिला जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से वह लखनऊ की जिला जेल में बंद था।