कानपुर: कानपुर के फतेहपुर निवासी 35 वर्षीय शालू की हत्या मामले में फंते पति रामसागर उर्फ राजू के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया गया है कि राजू ने इससे पहले भी दो शादियां की थी। लेकिन वह दोनों पत्नियां कहां हैं। इस पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। शव छिपाने और साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में गिरफ्तार राजू के भाई ने पुलिस को केवल इतना ही बताया कि वह दोनों बिना बताए घर छोड़कर चली गई थीं। पुलिस ने हत्या में शामिल मुख्य आरोपी के दो दोस्तों को जेल भेजकर दोनों महिलाओं की तलाश शुरूकर दी है। बता दें कि मुख्य आरोपी और उसका एक भाई फरार चल रहा है।
पति ने की थी पत्नी की हत्या
डीसीपी सलमान ताज पाटिल ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि 24 फरवरी को साढ़ में जहानाबाद रोड के किनारे एक अज्ञात महिला का शव बोरी में मिला था। वहीं ग्राम प्रधान रमाकांत पाल की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। महिला की शिनाख्त फतेहपुर के द्वारिकापुर जट के रहने वाले रामसागर उर्फ पंचम उर्फ राजू की पत्नी शालू के रूप में हुई थी। विद्यासागर ने पुलिस को बताया कि दंपति में आए दिन विवाद होता था। 22 फरवरी को शादी में जाने को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद राजू ने पत्नी शालू पर भारी वस्तु से हमला कर उसकी हत्या कर दी।
ऑटो नंबर से आरोपी तक पहुंची पुलिस
हत्या के बाद आरोपी ने अपने दो दोस्तों नौबस्ता के संजय गांधीनगर निवासी मनीष बाजपेई उर्फ मोनू व गल्ला मंडी अर्रा निवासी नीरज तिवारी के साथ ऑटो में शव रखकर फेंक दिया। पुलिस ने ऑटो भी बरामद कर लिया है। पुलिस जब मामले की जांच करने शालू के गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने बताया कि 22 फरवरी की रात रामसागर के घर एक ऑटो आई थी। ऑटो नंबर पता चलने के बाद पुलिस ने इसके मालिक का पता लगाया। नौबस्ता पुरानी बस्ती निवासी मुकेश कुमार पाल ने बताया कि वह मौनू का ऑटो किराए पर चलाता है। जिसके बाद पुलिस ने मोनू को गिरफ्तार कर लिया और आरोपी ने पुलिस को मामले का सच बता दिया।
नातिन की शादी में गई थी मां
स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले राजू शालू को कहीं से लेकर आया था। राजू की मां लक्ष्मी और शालू गांव में रहती थीं। वहीं 22 फरवरी को लक्ष्मी नातिन की शादी में गई थीं। वहीं शादी में आने को लेकर दोनों में विवाद हुआ था। आटो चालक मोनू ने बताया कि राजू की मां को छोड़कर जब वह वापस उसके घर पहुंचा तो देखा कि बरामदे में खून पड़ा था। पूछने पर आरोपी ने बताया कि उसने शालू की हत्या कर दी। इसके बाद राजू ने शव को प्लास्टिक की बोरी में भरकर उठाना चाहा। लेकिन वह दोनों इसे उठा नहीं सके। जिसके बाद उन्होंने रामसागर का भाई विद्यासागर दूसरे ऑटो के चालक गोलू के साथ मौके पर पहुंचा और शव को ठिकाने लगवाया।