मथुरा: यूपी के मथुरा जिले में विश्व प्रसिद्ध ब्रज के रंगोत्सव के मौके पर इस बार हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। जिला कारागार में बंद 6 कैदियों द्वारा यह गुलाल तैयार किया जा रहा है। हर्बल गुलाल इको फ्रेंडली होने के साथ ही आपकी त्वचा के लिए भी अनुकूल होगा। मथुरा जेल प्रशासन कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर बार कुछ नया सिखाने की कोशिश करता है। इस पहल से जेल के कैदी आत्मनिर्भर बन रहे हैं। बता दें कि प्रदेशभर में बने कारागारों में बंद कैदियों को कौशल विकास मिशन के माध्यम से स्वावलंबी बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। जेल में कैदी अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं।
जानिए कैसे बना रहे गुलाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जेल में बंद कैदी हर्बल गुलाल तैयार करने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर हरा रंग तैयार कर रहे हैं। मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकंदर से लाल और हल्दी से पीला रंग बनाया जा रहा है। वहीं अच्छा और खुशबूदार गुलाल बनाने के लिए इसमें इत्र भी मिलाया जा रहा है। मथुरा जेल अधीक्षक ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि हर साल होली के त्यौहार में कई कुंतल रंग बनाया जाता है। जेल में बंद 6 कैदियों सोनू, सनी, रिंकू, अशरफ, विजय, हरेंद्र सिंह हर्बल गुलाल बनाकर तैयार कर रहे हैं। जिला जेल में बन रहे गुलाल को आम लोगों तक भी पहुंचाया जाएगा। जेल प्रशासन ने इसका भी इंतजाम किया गया है।
आत्मनिर्भर बन रहे कैदी
जेल अधीक्षक के मुताबिक कैदियों द्वारा बनाकर तैयार किए जा रहे गुलाल पर करीब 180 रुपए प्रति किलो की लागत आ रही है। इस हर्बल गुलाल की 200 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जाएगा। जेल के मुख्य द्वार पर बिक्री के लिए 100-100 ग्राम गुलाल के पैकेट उपलब्ध रहेंगे। जेल के कैदियों से यह काम करवा कर उन्हें आत्म निर्भर बनाया जा रहा है, जिससे जेल से छूटने के बाद वह अपने परिवार के पालन पोषण के साथ ही समाज के बीच अच्छा व्यवहार करें। ऐसा पहली बार नहीं है, जब यूपी की जेलों में बंद कैदी इस तरह की क्रिएटिविटी दिखा रहे हैं। इससे पहले कैदियों ने श्री कृष्ण जन्माष्ठमी पर भगवान की पोशाक, रक्षाबंधन पर इको फ्रेंडली राखी भी बनाते हैं। मथुरा जिला कारागार में वर्तमान में करीब 1700 कैदी बंद हैं।