वाराणसी: उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल यानि की 1 जनवरी को वीआईपी दर्शन नहीं हो सकेंगे। मंदिर प्रशासन ने मंदिर में भीड़ की संभावनाओं को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए हैं। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। मंदिर में देर रात तक 1 जनवरी को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां जारी रहीं। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सभी तरह के टिकट बंद कर दिए गए हैं। वहीं पहली की तरह मंदिर परिसर में किसी भी गेट से मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट वगैरह लाना प्रतिबंधित रहेगा।
मंदिर के चारों ओर की गई बैरिकेडिंग
बता दें कि जो भी श्रद्धालु जिस प्रवेश द्वार से मंदिर में प्रवेश करेगा उसकी निकासी भी उसी दिशा से की जाएगी। प्रशासन द्वारा मंदिर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। वहीं मैदागिन से आने वाले दर्शनार्थी छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक में जाएंगे। जिसके बाद गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर जाकर दर्शन पूजन कर सकेंगे। वहीं गंगा की ओर से आने वाले श्रद्धालु मंदिर के पूर्वी द्वार पर भोले बाबा को जल चढ़ा सकेंगे। सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले भक्त गर्भ गृह के दक्षिणी द्वार पर और ढुंढिराज प्रवेश द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे। सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर के चारों तरफ पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम और खोया पाया केंद्र बनाया गया है।
जगह-जगह किए गए ये खास इंतजाम
इसके अलावा जगह-जगह प्याऊ लगाकर पेयजल का इंतजाम किया गया है। वहीं किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग की टीम और एंबुलेंस भी मंदिर के पास तैनात रहेगी। पुलिस भी नव वर्ष के जश्न को लेकर सतर्क है। पुलिस ने शहर भर में शाम से लेकर देर रात तक चेकिंग अभियान चलाया है। इसके अलावा पुलिस ने गोदौलिया, चौक और मैदागिन इलाके में होटल, लॉज, गेस्ट हाउस को खंगाला। पुलिस ने आईडी औऱ सीसीटीवी कैमरे की भी जांच की है। पुलिस ने गंगा घाटों पर तो भीड़ देखते हुए अतिरिक्त फोर्स लगाई। पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन के निर्देश पर पुलिस शाम से ही तीनों जोन, काशी, गोमती और वरुणा जोन में उतर गई। काशी विश्वनाथ धाम और दशाश्वमेध घाट आदि स्थलों का डीसीपी काशी आरएस गौतम ने खुद निरीक्षण किया।