लखनऊ: कांग्रेस की भारत जोड़ो देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे उत्तर प्रदेश में यात्रा पहुंच चुकी है। भारत जोड़ो यात्रा 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में मजह ढाई दिन ही रहेगी। इस दौरान वह 130 किमी चलेंगे और 3 लोकसभा सीट, 11 विधानसभा सीटों को कवर करेंगे। बता दें कि यह वही सीटें हैं जहां पर पिछले दो विधानसभा चुनावों साल 2017 और 2022 में कांग्रेस अपना खाता खोल पाने में भी असमर्थ रही थी। कांग्रेस इन सीटों पर अपनी जमानत तक नहीं बच पाई थी। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा कैसे बन पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल है। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने अब तक की सबसे ज्यादा समय उन राज्यों में दिया है। जहां पर लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
तीन जिलों से गुजर रही यह यात्रा
राहुल गांधी ने इस दौरान उन राज्यों में ज्यादा फोकस किया है। जहां पर या तो भाजपा कमजोर है या फिर कांग्रेस भाजपा को सीधे तौर पर टक्कर दे सकती है। यूपी में राहुल की ये यात्रा उस इलाके से गुजर रही है। जहां पर कांग्रेस अपनी पुरानी खोई हुई जमीन फिर से हासिल कर सकती है। बता दें कि इस यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे प्रदेश से आए हैं। यूपी के जिन तीन जिलों से राहुल गांधी गुजर रहे हैं। वह जाट और मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान इन इलाकों में ही कांग्रेस ने सबसे ज्यादा ताकत भी लगाई थी। भाजपा को किसान आंदोलन के दौरान सबसे ज्यादा विरोध का सामना यहीं पर करना पड़ा था। माना जा रहा है कि भले ही यूपी में कांग्रेस की यह यात्रा छोटी है। लेकिन ईस्ट यूपी तक उसका सियासी असर होगा।
यूपी में कांग्रेस सबसे ज्यादा कमजोर
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जिस राज्य में सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं और कांग्रेस जहां सबसे कमजोर है, वहां पर राहुल सिर्फ 130 किमी चल रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें 2024 में विकल्प बनना है तो यूपी पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा, क्योंकि UP से ही दिल्ली की सत्ता का रास्ता निकलता है। कांग्रेस इतिहास में सबसे ज्यादा कमजोर यूपी में हैं। प्रियंका गांधी की अगुआई में कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे ज्यादा कमजोर था। सियासी जनाधार बढ़ाने की राहुल गांधी ने कवायद जरूर की है। इस यात्रा में पुराने सहयोगियों को भी आमंत्रित किया गया है। वहीं अखिलेश य़ादव, जय़ंत चौधरी औऱ मायावती को भी निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन सभी ने शुभकामनाएं देकर इस यात्रा से जुड़ने से इंकार कर दिया। बता दें कि दिल्ली में ठहराव की वजह से 3 दिनों की यात्रा यूपी में रखी गई।