गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनावों में OBC आरक्षण तय करने के लिए 5 सदस्यीय समित का गठन किया था। आज यानि कि शनिवार को गाजियाबाद पिछड़ा वर्ग आयोग की पहली बैठक होगी। मेरठ मंडल के 5 जिलों के प्रमुख अधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक के दौरान इन जनपदों में अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति क्या है। इस पर चर्चा की जाएगी। गाजियाबाद कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में दोपहर 12 बजे से यह बैठक की जाएगी। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर गठित हुए इस आयोग की यह पहली बैठक है।
अन्य मंडलों में भी आयोजित होंगी बैठक
इस बैठक में मेरठ, हापुड़, बागपत, गाजियाबाद और बुलंदशहर के डीएम, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी और नगर निगमों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद प्रदेश के दूसरे मंडलों में भी ऐसी ही बैठके आयोजित की जाएंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस दौरान तीन बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। जिसमें पहला प्वाइंट साल-1995 से अब तक नगर निकाय चुनाव में कितने वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुए हैं। दूसरा प्वाइंट पिछड़ा वर्ग के कितने सदस्य सामान्य सीटों पर जीते औऱ तीसरे प्वाइंट में जिले में ट्रांसजेंडरों की स्थिति जानी गई है। इन तीनों बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर के सभी डीएम को बैठक में जाना होगा। बता दें कि यूपी शासन ने 5 दिसंबर 2022 को नगर निकायों के आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। इस नोटिफिकेशन के खिलाफ रायबरेली के सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय हाईकोर्ट चले गए।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने निकाय चुनाव टालने की दी इजाजत
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 26 दिसंबर को फैसला सुनाया कि OBC आरक्षण के बिना ही नगर निकाय चुनाव कराए जाएं। साथ ही हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर के नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा था कि अगर आरक्षण तय करना है तो ट्रिपल टेस्ट करवाना आवश्यक होगा। जिसके बाद योगी सरकार ने 26 दिसंबर को फैसला लिया कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराए जाएंगे। जिसके बाद सरकार ने OBC आयोग का गठन कर दिया। यह आयोग अब सभी जिलों में ट्रिपल टेस्ट करेगा। वहीं योगी सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चली गई। बीते 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के OBC आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 3 महीने तक निकाय चुनाव टालने की इजाजत दे दी।