UP निकाय चुनाव आरक्षण मामले पर आज भी नहीं आया फैसला, कोर्ट ने 22 दिसंबर को दी अगली तारीख

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव 2022 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिकाओं पर बुधवार को फिर सुनवाई की गई। नगर निकाय चुनाव की सुनवाई एक और दिन टल गई है। जिसके बाद अब कल यानी कि 22 दिसंबर को फिर से मामले पर सुनवाई होगी। वहीं 22 दिसंबर तक अधिसूचना पर भी रोक लगा दी गई है। ओबीसी आरक्षण को लेकर यूपी की सरकार ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान 10 बड़ी दलीलें रखी गईं। रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की है।

कोर्ट ने सुनी दोनों पक्षों की दलीलें
वहीं दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में अगली तारीख कल यानी 22 दिसम्बर की अगली तारीख दी है। कोर्ट ने आज की सुनवाई में सरकार द्वारा दाखिल जवाब और याचिकाकर्ता के प्रतिउत्तर को सुना है। प्रदेश सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि निकाय चुनाव के मामले में वर्ष 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को ही आरक्षण का आधार माना जाए। इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। वहीं नगर विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण दिए जाने के मामले पर हलफनामे में कहा कि इन्हें चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

मामले के जल्द निस्तारित किए जाने की अपील
बता दें कि सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द से जल्द निस्तारित किए जाने की अपील की है। वहीं अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा है कि दोनों पक्ष पूरी तैयारी से कोर्ट में आएं। ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले मांगे गए सारे जवाबों को दाखिल किया गया है। जिस पर याचियों के अधिवक्ताओं मे आपत्ति जाहिर करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की है। बता दें कि इस मामले पर बीते मंगलवार को भी सुनवाई की गई थी।

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