झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में मां के लव-मैरिज करने से नाराज इकलौते बेटे ने आत्महत्या कर ली। 3 साल पहले मिले प्रेमी के चक्कर में महिला ने अपने 17 साल के बेटे को खो दिया। अब ऊषा अपने बेटे की मौत पर फूट-फूट कर रोते हुए कहती है कि वह मानती है कि उसकी वजह से बेटे ने जहर खाकर जान दे दी। लेकिन वह बच्चों को पालने के लिए ही यह सब कर रही थी। वही बेटा उसे छोड़कर चला गया। ऊषा का कहना है कि यह कलंक जिंदगी भर उसके साथ रहेगा। वहीं बेटे की मौत के बाद महिला से उसके परिवार ने रिश्ता तोड़ दिया। जब वह अपने घर गई तो बेटी ने हाथ पकड़कर उसे निकाल दिया। ऊषा ने बताया कि बेटी ने उसे लात भी मारी।
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मां की दूसरी शादी पर बेटे को थी आपत्ति
ऊषा बताती हैं कि शुक्रवार को वह अपने होने वाले पति के घऱ यानि की मथुपुरा गांव में थी। दोनों को कोर्ट मैरिज करने के लिए झांसी कोर्ट जाना था। तभी सुबह के समय उसकी ननद का फोन आय़ा और वह ऊषा से लड़ने लगी। इसके थोड़ी देर बाद बेटे ने फोन कर मां से लड़ना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि उसका बेटा दादी-दादा के पास जा रहा था। लेकिन वह फोन पर अपनी मां से बोला कि वह मथुपुरा आ रहा है। इसके बाद दोपहर 1 बजे के आसपास 17 वर्षीय सुरेंद्र अपनी मां के पास पहुंचा। वह ऊषा को अपने साथ ले जाना चाहता था। लेकिन ऊषा ने सुरेंद्र से कहा कि तुम जाओ, वह बाद में आएंगी। जिसके बाद वह अपनी मां से झगड़ा करने लगा।
मजदूरी से खर्च नहीं पड़ रहे थे पूरे
इस दौरान युवक अपनी मां ऊषा से कहकर गया था कि कल पता चलेगा मम्मी। ऊषा कहती हैं कि उन्हें क्या पता था कि वह जहर खा लेगा, नहीं तो वह उसके साथ ही चली जाती। ऊषा ने बताया कि युवक के साथ उसके संबंध मजबूरी में बने हैं। 3 बच्चों की पढ़ाई, कमरे के किराए का खर्च। यह सब मजदूरी से नहीं चल पा रहा था। महिला ने बताया कि 3 साल पहले वह एक जगह काम करने गई थी। वहां पर उसकी मुलाकात एक युवक से हुई। तब युवक ने ऊषा की मदद की। उसकी सारी जरूरतें पूरी कीं। ऊषा ने बताया कि जब वह घर पर रुकता था तो बच्चों को कोई दिक्कत नहीं थी। पिछले एक महीने से सुरेंद्र उनके रिश्ते पर सवाल उठाने लगा था।
3 महीने पहले प्रेमी के साथ गई थी महिला
ऊषा का मानना है कि किसी ने उनके बेटे को भड़का दिया था। वह कह रहा था कि जब हम लोग छोटे थे, तभी ये सब कर लेती। महिला ने रोते हुए कहा कि अब इन संबंधों का क्या करूं। मेरा बेटा तो मुझे छोड़कर चला गया। टोड़ी फतेहपुर के लिधौरा गांव में रहने वाले सीताराम पाल का बेटा बिहारी लाल मऊरानीपुर में रहता था। करीब 10 साल पहले उसकी मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद ऊषा अपने 17 साल के बेटे और दो बेटियों के साथ रहती थी। इसी दौरान उसकी दूसरे जाति के युवक से दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। वहीं करीब 3 महीने पहले ऊषा अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। बीते शुक्रवार को दोनों ने शादी कर ली थी। जिसके बाद ऊषा के 17 साल के बेटे सुरेंद्र ने जहर खाकर अपनी जान दे दी।