कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को भले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। लेकिन अभी खुशी दुबे को जेल से बाहर आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। बता दें कि जमानत देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सेशन कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा। वहीं कानपुर देहात की पॉक्सो कोर्ट में खुशी के वकील ने जमानत के पेपर दाखिल कर दिया है। जिस पर खुशी की जमानत की शर्तों पर फैसला हो सकता है। इसके बाद पूरे प्रोसेस में एक सप्ताह का समय लग सकता है।
कोर्ट कराएगी जमानतों का सत्यापन
बता दें कि कानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे का केस लड़ रहे हैं। शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत में बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के आदेश की कॉपी दाखिल कर दी गई है। अब शुक्रवार को कोर्ट खुशी दुबे को किन शर्तों पर जमानत देनी है। यह तय करेगा। अदालत से जमानत की शर्तें तय होते ही सभी दस्तावेजों को पूरा किया जाएगा। इसके बाद शनिवार या सोमवार को जमानत दाखिल कर दी जाएगी। वहीं कोर्ट इसके बाद दाखिल जमानतों का सत्यापन कराएगी। सत्यापन की रिपोर्ट आने के बाद खुशी की रिहाई का आदेश जारी किया जाएगा।
परिवार वाले बेसब्री से कर रहे इंतजार
खुशी दुबे के अधिवक्ता ने बताया कि खुशी को मंगलवार या बुधवार तक जेल से बाहर आ जाना चाहिए। दूसरी तरफ शी को जमानत दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले लोगों और उसके परिवार वाले खुशी के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बिकरू कांड के साथ ही खुशी के खिलाफ सिम कार्ड मामले में भी FIR दर्ज है। बता दें कि भले ही खुशी को सिम कार्ड मामले में जमानत मिल गई हो, लेकिन अभी तक उस मामले की जमानत दाखिल नहीं की गई है। दोनों ही मामले में अधिवक्ता को जमानतें दाखिल करनी है। इसके साथ ही अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित अपने वकीलों के पैनल के साथ जेल से बाहर लाने में कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।