बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत में भी जोशीमठ की तरह की जमीन धंसने से 20 से ज्यादा मकानों में दरारें आ गई हैं। मकानों में दरारें आने के बाद लोगों में दहशत फैली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ठाकुरद्वारा मोहल्ले में जमीन धंसने लगी, जिसके बाद करीब 25 मकानों में दरारें पड़ गई हैं। वहीं कई मकान तो पूरी तरह से जर्जर हो गए हैं। यह मकान कभी भी गिर सकते हैं। इसी दहशत के कारण कुछ लोगों ने मकानों को छोड़कर पलायन करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि गैस पाइप लाइन दबाने के बाद पेयजल लाइनों के लीक होने से पानी के रिसाव से जमीन धंस रही है। वहीं अब नगर पालिका के कर्मचारी गलियों को उखाड़कर मामले की जांच में जुट गए हैं।
नगर पालिका कर रही मामले की जांच
जिससे कि जमीन धंसने के सही कारण का पता लगाया जा सके। हालांकि जांच के बाद ही जमीन धंसने के असली काऱण का पता चल सकेगा। वहां रह रहे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जमीन धंसने के कारण मजबूती से बने मकानों में भी मोटी दरारें आ गई हैं। बताया गया कि ठाकुरद्वारा मोहल्ले के निवासी चेयरमैन पवन गुप्ता वाली गली और उसके पास वाली दूसरी गली के कुछ मकानों में दरार आने पर लोगों ने उसे ठीक करवा लिया था। वहीं जमीन धंसने के बाद अब मकानों में बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
अपना घर छोड़ने पर मजबूर हैं लोग
बता दें कि पूर्व चेयरमैन पवन गुप्ता के बेटे शिवम गुप्ता, पूर्व चेयरमैन के भाई राजीव गुप्ता, नरेश, नरेश शर्मा प्रिंसिपल, पवन कश्यप, प्रदीप कश्यप, जय किशन कश्यप, पवन गुप्ता, चरणजीत खट्टर, विवेक शर्मा, सतप्रकाश गुप्ता, जयप्रकाश वर्मा सहित करीब 25 लोगों के घरों का फर्श धंसने लगी और दरारें पड़ने लगीं। जिसके बाद लोग अपना सामान बांध कर घर छोड़ने पर मजबूर हैं। लोग अपना घर छोड़कर किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। वहीं आसपास के जिन घरों में दरारें नहीं पड़ी हैं। उन लोगों की चिंता बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद अपने मकान बनवा कर तैयार किए थे। लेकिन इन मकानों में रहना खतरे से खाली नहीं हैं।