लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते 29 जनवरी को पीजीआई की वृंदावन कॉलोनी में रामचरितमानस की प्रतियां फाड़कर जलाई गई थीं। जिसके बाद दो आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि की रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। बता दें कि यह कार्रवाई पहले से जेल में बंद आरोपी सलीम व सत्येंद्र कुशवाहा पर की गई है। बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे ओबीसी समाज के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस की प्रतियां फाड़कर जलाया था। जिसके बाद पीजीआई थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य सहित दस लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
5 लोगों को किया गया गिरफ्तार
जिनमें से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने रविवार को जेल में बंद उतरेठिया के सलीम व सैनिकनगर के सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश जारी किया है। एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र प्रताप यादव और तेलीबाग के नरेश सिंह के खिलाफ भी जल्द यही कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पुलिस जांच में सामने आया है कि सलीम ने प्रतियां जलाने की साजिश रची थी।
विपक्ष कर रहा विद्वेष की राजनीति
बता दें कि ओबीसी महासभा की स्वामी प्रसाद के समर्थन में केवल रामचरितमानस की प्रतियां लहराकर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। लेकिन सलीम ने प्रदर्शनकारियों को उकसा कर प्रतियां फाड़ने के बाद उनको जला दिया। इसके अलावा मानस की प्रतियों को पैरों से भी कुचला गया। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार, विपक्ष रामचरितमानस के मुद्दे पर विद्वेष की राजनीति कर रहा है। जबकि भाजपा सभी का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर काम कर रही है।