लखनऊ: योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है। वित्त वर्ष 2023-24 का यह बजट 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए का है। वहीं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लगातार 7वीं बार बजट पेश किया है। जिसके बाद सरकार के इस बजट की विपक्षी दलों ने आलोचना शुरू कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव औऱ शिवपाल यादव ने सरकार पर हमला बोला है। शिवपाल यादव ने कहा ‘आज का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम’। वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि ऐतिहासिक बोलने से कुछ नहीं होगा। इस बजट में कुछ नहीं दिखता है।
अखिलेश ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार को किसान, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह बजट दिशाहीन है। इस बजट से महिलाओं और युवा वर्ग को निराशा हुई है। साथ ही अखिलेश ने कहा कि सीएम योगी और वित्त मंत्री बताएं कि वन ट्रिलियन इकोनॉमी कब बनेगी। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश ने छात्रवृत्ति, जातिगत गणना, किसान फंड आदि पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ गोबर पसंद है। वहीं समिट के दौरे पर भी योगी के मंत्रियों को बुलडोजर लेकर जाना चाहिए था।
योगी सरकार ने फिर पेश किया भ्रम वाला बजट- मायावती
वहीं मायावती ने योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को वादों का पिटारा बताया है। उन्होंने बजट पर सवाल करते हुए कहा कि इस बजट से जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यूपी की जनता को भ्रमवाला बजट नहीं बल्कि रोजगार युक्त बजट चाहिए। मायावती ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से तंग हो चुकी है। बसपा प्रमुख ने इस बजट को ऊंट के मुंह में जीरा बराबर बताया है।