गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर पर हमले का आरोपी मुर्तजा दोषी करार, 10 महीने बाद सुनाई गई फांसी की सजा

गोरखपुर: पिछले साल 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर हमला हुआ। हमले के 10 महीने बाद आज यानि की सोमवार को फांसी की सजा सुनाई गई है। आतंकी मुर्तजा को लखनऊ में NIA/ATS की कोर्ट में लाया गया। गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने बांके से हमला कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की थी। जिसके बाद अदालत ने उसे मंदिर पर हमले का दोषी करार दिया था। गोरखपुर के गोरखनाथ थाने में विनय कुमार मिश्रा ने अप्रैल 2022 में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद NIA/ATS की अदालत के विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने यह सजा सुनाई है।

PAC के जवान पर किया था हमला
वादी मुकदमा विनय कुमार मिश्रा के मुताबिक, आरोपी ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के जवान अनिल कुमार पासवान पर अचानक बांके से हमला कर दिया था। इस दौरान जब दूसरा जवान उन्हें बचाने के लिए आया तो उसने धारदार हथियार से दूसरे जवान पर भी हमला कर दिया। इस दौरान आरोपी मुर्तजा ने बांका लहराते हुए व नारा -ए- तकबीर, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाते हुए PAC की पोस्ट की ओर दौड़ा था। वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद आरोपी के हाथ पर बांके से हमला कर उसे गिराया गया। फिर जवानों ने आरोपी को पकड़ लिया था। अहमद मुर्तजा के पास से उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी। बता दें कि सरकारी वकील एमके सिंह ने मामले की विवेचना की थी।

कहीं और शिफ्ट हो चुका है परिवार
विवेचना के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में विधि खिलाफ क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16/18/20/ 40 की बढ़ाई गई है। विवेचना ATS को सौंपी गई थी। जिसके बाद आतंकी मुर्तजा को 25 अप्रैल 2022 को विशेष अदालत में पेश कर ATS ने पुलिस कस्टडी लेकर रिमांड भी हासिल की थी। मामले की जांच कर रही UP ATS ने मुर्तजा को UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी घोषित किया था। बता दें कि मुर्तजा को सजा सुनाए जाने से पहले ही उसका परिवार कहीं और शिफ्ट हो गया है। वर्तमान में मुर्तजा के घर पर कोई मौजूद नहीं है। 31 मार्च को ही खुफिया एजेंसी ने UP पुलिस को 16 संदिग्धों की प्रोफाइल भेजी थी। जिसमें जानकारी सामने आई थी कि इनकी विदेशों से संदिग्ध बातचीत हो रही थी या ट्रांजेक्शन हुए थे।

ATS की रडार में आया आतंकी
उन प्रोफाइलों में एक नाम मुर्तजा का भी था। गोरखपुर निवासी मुर्तजा के पिता मुनीर अहद अब्बासी का दावा है कि 2 अप्रैल को सादी वर्दी में 2 लोग उनके घर आए थे। इस दौरान उन्होंने मुर्तजा को तलाश किए जाने की बात बोली थी। उन्होंने बताया था कि मुर्तजा के खिलाफ समन जारी हुआ है और 35 लाख रुपए से जुड़ा मामला है। जब मुर्तजा के पिता ने कागज दिखाने के लिए कहा तो वह मुर्तजा को बुलाने के लिए कहने लगे। वहीं थोड़ी देर बाद वह दोनों चले गए। बाद में सामने आया कि वह दोनों ATS के लोग थे। जब परिजनों ने मुर्तजा को मामले की जानकारी दी तो वह समझ गया था कि वह ATS की रडार में आ चुका है और अब उसका बच पाना मुश्किल है। स्लीपर सेल का पर्दाफाश न हो इसके लिए उसने अपनी डिटेल्स और फोन फॉर्मेट कर दिया।

रसूखदार परिवार से आता है मुर्तजा
इसके बाद आतंकी मुर्तजा ने एक हमला प्लान किया, जिसमें पुलिस उसे गोली मार दे। ताकि ATS को नए मामले में उलझाकर उसका ध्यान भटकाया जा सके। बता दें कि वह गोरखपुर के एक रसूखदार परिवार का इकलौता बेटा है। सिविल लाइंस में मुर्तजा की फैमिली रहती है। मुर्तजा ने IIT मुंबई से इंजीनियरिंग की है। यहां के स्टूडेंट्स को काफी होनहार माना जाता है। वहीं उसके पिता कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर हैं। आरोपी के दादा भी गोरखपुर के जिला जज रह चुके हैं।

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